झारखंड कांग्रेस में फूट के आसार बढ गए हैं। मंत्रिमंडल गठन को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने पिछडा वर्ग से किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है। कांग्रेस में पिछडा वर्ग से मंत्री नहीं बनाने का मामला अब तूल पकड रहा है। पिछली सरकार में मंत्रिमंडल में कांग्रेस का चेहरा बन्ना गुप्ता थे। इस बार बन्न गुप्ता हार गए। कहा जा रहा है कि बन्ना हार गए तो किसी दूसरे पिछडे वर्ग के विधायक को मंत्री बनाना चाहिए था। पोडैयाहाट से विधायक प्रदीप यादव को मंत्री बनाने की मांग उठ रही थी। मगर, कांग्रेस आलाकमान ने इस मांग को दरकिनार कर दिया था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस में अंदर ही अंदर इस बात को लेकर आग सुलग रही है। इसके अलावा, कई विधायक भी नाराज बताए जा रहे हैं। रांची में कांग्रेस के विधायक दल की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में कांग्रेस के विधायकों में से बेरमो के विधायक कुमार जयमंगल और पाकुड की विधायक निशात आलम गैर हाजिर रहीं। इन दोनों विधायकों के गैर हाजिरी के मायने निकाले जा रहे हैं।
पिछडा वर्ग नाराज हो गया तो कांग्रेस को नुकसान
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछडा वर्ग से किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाने की बात को विपक्ष तूल देने में जुट गया है। विपक्ष के नेता कहने लगे हैं कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। कांग्रेस पिछडा वर्ग का वोट तो चाहती है मगर सत्ता में उसे हिस्सेदारी नहीं देना चाहती।
डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब डैमेज कंट्रोल की सोच रहा है। वह इस काम में जुट गया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अब पिछडा वर्ग के विधायक को विधायक दल का नेता बनाने जा रही है। ताकि, पिछडा वर्ग की नाराजगी को दूर किया जा सके। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पिछडा वर्ग से आने वाले पोडैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव को विधायक दल का नेता बना सकती है।